क्या आपसे ठीक से बात नहीं की जाती ?? क्या हमेशा आपके शिकायत की जाती है ?? क्या आपके धरम, पसंद और इच्छाओ का अपमान किया जाता है?? क्या शारीरिक , मौखिक, योनिक , मानशिक और आर्थिक रूप से आप पर अत्याचार किया जाता है?? क्या अक्सर आपको किसी न किसी बात पर धमकी दी जाती है?? क्या आपकी मान्यताओ का मजाक उड़ाया जाता है?? क्या घर या बहार सबके सामने आपका अपमान किया जाता है?? क्या इच्छा के खिलाफ आपको कुछ ऐसा करने को कहा जाता है जो आप करना नहीं चाहती?? क्या आप इसे रोकना चाहते है ? इसका जवाब कोई पुरुष दे तो अक्सर ये कहते है ये तो हर घाट में होता है भला हम इसमें क्या कर सकते है?और ज्यादातर औरते भी इस बात से सहमत होती हुई देखि जा सकती है उनका कहना होता है के ये तो मेरी माँ मेरी दादी उनकी दादी के साथ भी होता था. तक़रीबन हर महिला के साथ छोटे या बड़े पैमाने पर एक या एक से ज्यादा बाते होती है. इसका मतलब ये तो नहीं के हमारे साथ हिंसा हो रही है. पति मार खाना या सास की गाली खाना जैसे रिवाज चल पड़ा है. और चौकाने वाली बात तो ये है की औरतो ने इसे कभी पति धरम, परंपरा, रीत...